बेरंग सी ज़िंदगी में कुछ रंग भरता चलू,
राह मिली तितलियों के संग चलता चलू |
मन में चल रहें गीत को सुंदर सुर देते हुये ,
दिल की धड़कनो से संगीत लेते हुये ,
गा दूं फिर कुछ ऐसा तराना ….
के हारी हुई बाज़ी को भी जीत के शिकंजे में लेता चलू |
रूखी सी रातों में उम्मीद पास हैं,
सुबह की ताजा किरणों की आस साथ हैं |
तूफानो में भी कश्ती साहिल को चूम ले,
बरबादीयों में भी फ़क़ीर झूम ले |
बस कुछ ऐसा ही जज्बा संग लेते हुये,
जश्न हैं ये ज़िंदगी …
इस जश्न को मैं हर पल जीता चलू !!